गुर्दे की पथरी

स्वस्थ किडनी के लिए आयुर्वेद अपनाएं!

गुर्दे की पथरी

स्वस्थ किडनी के लिए आयुर्वेद अपनाएं!

गुर्दे की पथरी क्या है?

गुर्दे की पथरी, जिसे किडनी स्टोन भी कहा जाता है, तब बनता है जब मूत्र में मौजूद खनिज और लवण जमा होकर ठोस रूप ले लेते हैं।
जब इन घुले हुए तत्वों की मात्रा मूत्र में बढ़ जाती है, तो वे किडनी में अश्मरी (स्टोन) का निर्माण करते हैं। ये किडनी स्टोन छोटे हो सकते हैं लेकिन धीरे-धीरे बड़े आकार में बढ़ सकते हैं। ये अश्मरी मूत्र मार्ग में बनकर रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे मूत्र का बहाव अवरुद्ध हो जाता है और दर्द होता है।
जब शरीर में पानी की कमी होती है या कुछ पदार्थ अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं, तो ये पथरी (स्टोन) का रूप ले लेते हैं। ये पथरियां आकार में बहुत छोटी हो सकती हैं, लेकिन समय के साथ बड़ी भी हो सकती हैं।
यूरेटर और यूरेथ्रा जैसे स्थान संकीर्ण नलिकाएं होती हैं, जहाँ स्टोन फंस सकता है और तेज दर्द का कारण बनता है। किडनी स्टोन का रंग और प्रकार भिन्न-भिन्न होते हैं। कैल्शियम स्टोन सबसे आम प्रकार के होते हैं, जबकि यूरिक एसिड स्टोन सबसे कम पाए जाते हैं। अन्य प्रकारों में स्ट्रूवाइट स्टोन शामिल हैं, जो लंबे समय तक मूत्र संक्रमण (UTI) के कारण होते हैं। लगभग 1 प्रतिशत स्टोन सिस्टीन स्टोन के होते हैं, जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले अमीनो एसिड से बनते हैं।

गुर्दे की पथरी क्या है?

गुर्दे की पथरी, जिसे किडनी स्टोन भी कहा जाता है, तब बनता है जब मूत्र में मौजूद खनिज और लवण जमा होकर ठोस रूप ले लेते हैं।
जब इन घुले हुए तत्वों की मात्रा मूत्र में बढ़ जाती है, तो वे किडनी में अश्मरी (स्टोन) का निर्माण करते हैं। ये किडनी स्टोन छोटे हो सकते हैं लेकिन धीरे-धीरे बड़े आकार में बढ़ सकते हैं। ये अश्मरी मूत्र मार्ग में बनकर रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे मूत्र का बहाव अवरुद्ध हो जाता है और दर्द होता है।
जब शरीर में पानी की कमी होती है या कुछ पदार्थ अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं, तो ये पथरी (स्टोन) का रूप ले लेते हैं। ये पथरियां आकार में बहुत छोटी हो सकती हैं, लेकिन समय के साथ बड़ी भी हो सकती हैं।
यूरेटर और यूरेथ्रा जैसे स्थान संकीर्ण नलिकाएं होती हैं, जहाँ स्टोन फंस सकता है और तेज दर्द का कारण बनता है। किडनी स्टोन का रंग और प्रकार भिन्न-भिन्न होते हैं। कैल्शियम स्टोन सबसे आम प्रकार के होते हैं, जबकि यूरिक एसिड स्टोन सबसे कम पाए जाते हैं। अन्य प्रकारों में स्ट्रूवाइट स्टोन शामिल हैं, जो लंबे समय तक मूत्र संक्रमण (UTI) के कारण होते हैं। लगभग 1 प्रतिशत स्टोन सिस्टीन स्टोन के होते हैं, जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले अमीनो एसिड से बनते हैं।

गुर्दे की पथरी के प्रकार

कैल्शियम स्टोन

सबसे आम प्रकार। यह कैल्शियम ऑक्सालेट या कैल्शियम फॉस्फेट से बनता है।

यूरिक एसिड स्टोन

मांसाहारी भोजन के अधिक सेवन से बनता है। जब मूत्र बहुत अधिक अम्लीय हो जाता है।

स्ट्रूवाइट स्टोन

ह मूत्र पथ संक्रमण (UTI) के कारण बनता है। महिलाओं में अधिक पाया जाता है।

सिस्टीन स्टोन

यह दुर्लभ होता है और अनुवांशिक विकार के कारण बनता है।

गुर्दे की पथरी के प्रकार

कैल्शियम स्टोन

सबसे आम प्रकार। यह कैल्शियम ऑक्सालेट या कैल्शियम फॉस्फेट से बनता है।

यूरिक एसिड स्टोन

मांसाहारी भोजन के अधिक सेवन से बनता है। जब मूत्र बहुत अधिक अम्लीय हो जाता है।

स्ट्रूवाइट स्टोन

ह मूत्र पथ संक्रमण (UTI) के कारण बनता है। महिलाओं में अधिक पाया जाता है।

सिस्टीन स्टोन

यह दुर्लभ होता है और अनुवांशिक विकार के कारण बनता है।

किडनी स्टोन के कारण

  • डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) – कम मूत्र उत्पादन और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना किडनी स्टोन बनने का एक प्रमुख कारण है।
    इन स्थितियों में मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे मूत्र में मौजूद लवण घुल नहीं पाते और पथरी बनने लगती है।

  • बॉवेल मूवमेंट (पाचन समस्याएं) – अपच या लंबे समय तक दस्त (डायरिया) की समस्या मूत्र की मात्रा को कम कर देती है, जिससे किडनी स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है।

  • आधुनिक दवाएं – कुछ कैल्शियम सप्लीमेंट्स, विटामिन C, और एंटासिड्स का अधिक सेवन किडनी में स्टोन बनने का खतरा बढ़ा देता है।

  • मोटापा – मोटापे के कारण मूत्र में एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जो अधिक पथरी बनने की संभावना को बढ़ा देता है।

  • प्रोटीन युक्त आहार – अत्यधिक कैल्शियम का सेवन किडनी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा देता है। कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है, इसलिए नमक के सेवन को कम करने की सलाह दी जाती है।

किडनी स्टोन के कारण

  • डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) – कम मूत्र उत्पादन और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना किडनी स्टोन बनने का एक प्रमुख कारण है।
    इन स्थितियों में मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे मूत्र में मौजूद लवण घुल नहीं पाते और पथरी बनने लगती है।

  • बॉवेल मूवमेंट (पाचन समस्याएं) – अपच या लंबे समय तक दस्त (डायरिया) की समस्या मूत्र की मात्रा को कम कर देती है, जिससे किडनी स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है।

  • आधुनिक दवाएं – कुछ कैल्शियम सप्लीमेंट्स, विटामिन C, और एंटासिड्स का अधिक सेवन किडनी में स्टोन बनने का खतरा बढ़ा देता है।

  • मोटापा – मोटापे के कारण मूत्र में एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जो अधिक पथरी बनने की संभावना को बढ़ा देता है।

  • प्रोटीन युक्त आहार – अत्यधिक कैल्शियम का सेवन किडनी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा देता है। कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है, इसलिए नमक के सेवन को कम करने की सलाह दी जाती है।

किडनी स्टोन के लक्षण

  • पेशाब करते समय दर्द – कभी-कभी रोगी को पेशाब करते समय तीव्र दर्द का अनुभव होता है।

  • पीठ में मरोड़ जैसा दर्द – रोगी को पीठ और निचले पेट में तेज दर्द महसूस होता है।

  • जी मिचलाना और उल्टी – अचानक उल्टी आने की इच्छा और जी मिचलाने का एहसास होता है।

  • पेशाब में खून आना – जब किडनी का पत्थर बड़ा हो जाता है, तो रोगी पेशाब में खून आने की शिकायत करता है।

  • पेशाब करते समय जलन – किडनी स्टोन से पीड़ित कई लोग पेशाब करते समय जलन महसूस करते हैं।

किडनी स्टोन के लक्षण

  • पेशाब करते समय दर्द – कभी-कभी रोगी को पेशाब करते समय तीव्र दर्द का अनुभव होता है।

  • पीठ में मरोड़ जैसा दर्द – रोगी को पीठ और निचले पेट में तेज दर्द महसूस होता है।

  • जी मिचलाना और उल्टी – अचानक उल्टी आने की इच्छा और जी मिचलाने का एहसास होता है।

  • पेशाब में खून आना – जब किडनी का पत्थर बड़ा हो जाता है, तो रोगी पेशाब में खून आने की शिकायत करता है।

  • पेशाब करते समय जलन – किडनी स्टोन से पीड़ित कई लोग पेशाब करते समय जलन महसूस करते हैं।

 किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक समाधान –

क्या आप किडनी स्टोन की समस्या से परेशान हैं? Navyug Ayurveda आपके लिए लाया है एक प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक सप्लीमेंट, जो किडनी स्टोन से राहत पाने में आपकी मदद करेगा।

हमारी आयुर्वेदिक दवा कैसे काम करती है?

  • किडनी स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ती है।

  • स्टोन को मूत्र मार्ग के ज़रिये बाहर निकालने में मदद करती है।

  • किडनी को साफ कर उसके कार्य को बेहतर बनाती है।

  • दर्द, जलन और सूजन में राहत देती है।

 किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक समाधान –

क्या आप किडनी स्टोन की समस्या से परेशान हैं? Navyug Ayurveda आपके लिए लाया है एक प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक सप्लीमेंट, जो किडनी स्टोन से राहत पाने में आपकी मदद करेगा।

हमारी आयुर्वेदिक दवा कैसे काम करती है?

  • किडनी स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ती है।

  • स्टोन को मूत्र मार्ग के ज़रिये बाहर निकालने में मदद करती है।

  • किडनी को साफ कर उसके कार्य को बेहतर बनाती है।

  • दर्द, जलन और सूजन में राहत देती है।

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